राजस्थान के उत्तर-पचिम में लूनी नदि के किनारे तहसील मुख्यालय “गुडामालानी” से 30 कि.मी. दुर बसा देदावास गांव बाड़मेर जिले में स्थित हैं। इस गांव तक पहुँचने के लिये टूटी-फूटी और ऊबड-खाबड़ कच्ची सड़क से सफर तय करना पड़ता हैं। यहाँ लगभग 200 परिवार निवास करते हैं। वे मुख्यत: खेती और पशुपालन करके अपना आजिविकोपार्जन करते हैं। यहाँ प्रचलित अंधविश्वासों के कारण आज भी कई परिवारों के साथ स्वच्छता और स्वास्थ्य जैसे मुद्दों को लेकर काम करने की जरूरत हैं।
इनमें से ही एक मेरा परिवार हैं जो एक संयुक्त खेतिहर परिवार है जिसमें माता 60 वर्ष और पिता 65 वर्ष, मैं स्वयं ओमाराम 36 वर्ष, मेरी पत्नी 32 वर्ष तथा दो लड़के और एक लडकी हैं। मैं भी कई बार स्वयं और परिवेश आदि की स्वच्छता को लेकर समझौता कर लेता था जिससे मैं स्वयं कई बार बीमार भी पड़ा।
एक बार शाम के वक्त खाना खाने के दौरान खाने में कीड़ा गिरने के कारण मुझे शरीर पर एलर्जी हो गई। मेरा स्वच्छता को लेकर जागरूक नहीं होने के कारण दिनों-दिन पूरे शरीर पर व परिवार के अन्य सदस्यों तक फैल रही थी। कई जगह से बार-बार इलाज भी लिया लेकिन कोई सुधार नहीं आया। पूरे शरीर पर फैल जाने के कारण शर्म और भेदभाव होने के डर के मारे हर किसी को बता भी नहीं सकता था। एक रात मित्रों के संग गपशप के दौरान बातों ही बातों में पता चला, सप्ताह के प्रत्येक बुधवार को 1 बजे के लगभग “केयर्न वेदांता” और “धारा संस्थान” के तरफ से “सचल मोबाइल हेल्थ वैन” अपने गांव में आती हैं जो बिल्कुल नि:शुल्क जाँच और इलाज करती हैं यह जानकारी मेरे लिये खुश करने वाली थी क्योंकि अब तक मैं बीमारी के साथ-साथ आर्थिक तंगी से भी परेशान हो गया था।
अब मुझे बुधवार का इंतजार था लेकिन आज रविवार था और पूरे शरीर पर लाल चकत्ते पड़ गये थे व तेज खुजली भी आ रही थी। मैं परेशान हो गया था। मैं “सचल मोबाइल हेल्थ वैन” के इंतजार में एक-एक दिन गिन कर निकाल रहा था। जब भी मैं खेत मॆं काम करता या फिर ट्रैक्टर चलाता तो “सचल मोबाइल हेल्थ वैन” के बारे में ही बार-बार ध्यान में आता तथा सोचता कितना जल्दी डॉक्टर से मिलूँ और इलाज लूँ ताकि मैं भी बाकी लोगों की तरह ठीक हो जाऊँ, मुझे किसी से अपने शरीर को छिपाना नहीं पड़े।
आज बुधवार था, मुझे सुबह से “सचल मोबाइल हेल्थ वैन” का इंतजार था। मुझे अपने सभी जरूरी काम पूरे करते-करते अब तक 11 बज चुके थे, अब मुझे गांव की चौपाल के लिये निकलना था जहाँ पर हमेशा की तरह “सचल मोबाइल हेल्थ वैन” आने वाली थीं। मैंने अपना आधार कार्ड लिया और गांव की चौपाल के लिये निकल पड़ा। जैसे ही मैं वहाँ पहुँचा और देखा तो सभी लोग अपने-अपने इलाज के लिए लाइन में बैठे हुए थे। मैंने भी लाइन में अपना नंबर लगाया।
अब लाइन में बैठे सभी लोग “सचल मोबाइल हेल्थ वैन” की एक टक राह देख रहे थे। तभी अचानक किसी की आवाज आती है एम्बुलेंस आ गई, तभी मेरा ध्यान भी उधर गया तो गाड़ी पर लिखा था “सचल मोबाइल हेल्थ वैन” लेकिन लोग शायद इसे एम्बुलेंस क़े नाम से ही जानते थे। अब सभी लोग लाइन में खड़े हो गये थे और एम्बुलेंस के पीछे एक-एक करके डॉक्टर को दिखा रहे थे।



अब मुझे भी डॉक्टर को दिखाना था, डॉक्टर साहब मेरे सामने थे, जो बड़े ही धैर्य से अपने मरीज की जाँच कर रहे थे। साथ में एक एएनएम मैडम भी थी जो हाथ में कुछ उपकरण लेकर जाँच में मदद कर रही थीं। दूसरी तरफ लोग अपनी-अपनी पर्ची लेकर एम्बुलेंस की खिड़की पर लाइन लगा कर दवाइयाँ ले रहे थे।
जैसे ही मेरा नंबर आया, डॉक्टर साहब ने हलके से मुस्करा कर मुझसे पूछा,
क्या हुआ पहलवान?
मैंने अपना कमीज उठाते हुए कहा मेरे पूरे शरीर पर इस प्रकार के लाल धब्बे हो गये हैं तथा लगातार खुजली भी चलती है
कितने समय से आपको यह दिक्कत हैं? – डॉक्टर साहब ने पूछा
लगभग एक महीने से – मैंने बताया
ओहो… काफी लंबा समय हो गया – डॉक्टर साहब ने बोला
हां जी, बहुत परेशान हूँ… मैंने बताया
घर में और कौन- कौन रहते हैं आपके साथ – डॉक्टर साहब ने पूछा
माँ, पापा, पत्नी और बच्चे… – मैंने बताया
यह इन्फेक्शन उनको भी हो सकता हैं देख लेना अगर दिक्कत है तो जाँच करवा देना – डॉक्टर साहब ने बोला
हां जी, धन्यवाद… मैंने कहा
और हां जो कपड़े और बिस्तर आपके इस्तेमाल में आ रहे हैं, नियमित धो कर धूप में डालें – डॉक्टर साहब ने बोला
मैंने एक बार पुन: धन्यवाद बोला और अपनी पर्ची लेकर एम्बुलेंस की खिड़की पर दवाइयाँ लेने चला। दवाइयाँ लेकर पुन: घर की और बड़ा, अब मैं ख़ुश था। डॉक्टर साहब के बताये अनुसार दवाइयाँ लेने के अलावा साफ सफाई का भी ध्यान रखते हुए कपड़े धूप में डालते रहा। प्रत्येक सप्ताह नियमित डॉक्टर साहब को दिखाया तथा दवाइयाँ लेने से मैं स्वस्थ हो गाया। मेरे शरीर से लाल धब्बे भी गायब हो गये और अब खुजली भी नहीं आती है। अब भी जब मुझे टाइम मिलता हैं प्रत्येक सप्ताह, मैं एम्बुलेंस पर जाता हूँ और वहाँ स्टॉफ के साथ स्वच्छता, स्वास्थ्य और अंधविश्वास से जुड़े विभिन्न संदेह से अपने आप को स्पष्ट करता हूँ तथा जानकारी को अपने परिवार जनों और मित्रों के साथ साझा भी करता हूँ