
कोई भी कार्यक्रम तभी सफल होता है जब उसका संचालन करने वाले लोग अच्छी तरह प्रशिक्षित हों।
यही वजह है कि सामाजिक संस्थाओं के स्तर में निरंतर सुधार के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम अत्यंत आवश्यक है। उनका दायरा और प्रभाव तभी बढ़त है जब वे प्रशिक्षण और क्षमता वृद्धि में निरंतर निवेश करते हैं। यह क्षमता वृद्धि न केवल प्रतिभागियों के लिए संस्थागत कार्यों के संपादन में सहायक होती है बल्कि यह उनके निजी जीवन में भी बेहतरी
लाती है। किसी भी प्रशिक्षण कार्यक्रम की सफलता के लिए यह आवश्यक है कि प्रतिभागी उसमें पूरी रुचि लें। प्रशिक्षण कार्यक्रम को आरंभ करने के पहले आवश्यकता का आकलन करना जरूरी है यानी यह विचार करना कि प्रशिक्षण की आवश्यकता क्यों है? इसके उद्देश्य क्या हैं और इससे किस प्रकार परिणामों की अपेक्षा है?
सहभागी भी प्रशिक्षण से अधिकतम लाभ तभी ले पाएंगे जब उन्हें प्रशिक्षण कार्यक्रम की विषय वस्तु और अवधारणा के बारे में भली भांति पता हो। सहभागियों के लिए यह आवश्यक है कि प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान सभी को ध्यान से सुनें, देह भाषा पर भी ध्यान दें, प्रश्नों को समझें, महत्वपूर्ण बातों को लिखें और अपनी शंकाओं का भी समाधान करते चलें।