हमारे बारे में
विकास संवाद एक सामुदायिक पहल, सामाजिक शोध, प्रशिक्षण, दस्तावेजीकरण और पैरवी करने वाला समूह है। कोशिश है कि समाज के विषयों को समाज और मानवीय मूल्यों के नज़रिए से देखा-समझा जाए। विषयों को बहस के लिए विचार-मूल्य-तथ्य-प्रमाण के कसौटी पर कसा जाए। समूह अध्ययन-विश्लेषण और सामग्री तैयार करने का काम कर रहा है। सामाजिक कार्यकर्ताओं और जनसंचारकों के साथ निरंतर संवाद करते रहना एक वैचारिक- व्यावहारिक नीति है।
विकास संवाद ने अब तक लगभग 20 हज़ार पन्नों की सामग्री को तैयार करके “सबके आधिकारिक उपयोग के लिए” खुले मंच पर रखा है। समाज के मूल सामाजिक-आर्थिक-राजनीतिक मुद्दे एक सोच, दृष्टि और नज़रिए के मकसद से 250 से अधिक इंफो पैक तैयार किए हैं।
लगातार सोलह सालों से सामाजिक सरोकारों और संवैधानिक मूल्यों पर फैलोशिप की प्रक्रिया जारी है, अब तक 125 से अधिक संचारक जुड़ चुके हैं। सौ से अधिक किताबों का प्रकाशन किया गया है। विचार, विश्लेषण, संवाद और शिक्षण विकास संवाद की संस्कृति के चार आयाम हैं.
सरकार के साथ मिलकर सामाजिक नेतृत्व के लिए पाठयक्रम के मैदानी फील्डवर्क मैनुअल भी तैयार किए हैं और सुपोषित समाज के लिए राज्य की नीति बनाने में भी समूह ने प्रतिबद्ध भूमिका निभाई है।
रणनीतिक संचार केन्द्र विकास संवाद का एक उपक्रम है, जिसमें हम सामाजिक संस्थाओं के संचार और संवाद के कौशल को निरंतर प्रभावी बनाने के लिए शिक्षण-प्रशिक्षण की पहल कर रहे हैं. हमने संचार से संबंधित विविध प्रशिक्षण कार्यक्रम, मॉडयूल, मैनुअल और हैंडआउट्स तैयार किए हैं, साथ ही तीस प्रशिक्षकों का एक समूह भी बनाया है। विकास संवाद ने अब तक देश के विभिन्न राज्यों में सामाजिक संस्थाओं के साथियों के साथ 33 प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए है। प्रशिक्षण पूरी तरह सहभागिता और संस्थागत सिद्धांत और उनके व्यवहार पर आधारित हैं।
