
सामाजिक संस्थाएं और मीडिया दोनों नागरिक मूल्यों के संरक्षण का काम करते हैं। ऐसे में यह आवश्यक है कि दोनों का एक दूसरे से जुड़ाव हो।
सामाजिक संस्थाएं अपने काम के जरिए जिन विषयों को उठाती हैं, जो नजरिया तथा विश्लेषण पेश करती हैं वह मीडिया संचारकों के लिए महत्वपूर्ण होता है। मीडिया संचारक से तात्पर्य लेखकों, पत्रकारों तथा विश्लेषकों से है। संस्थाएं समुदाय के साथ जो भी काम करती हैं, मीडिया संचारक उसे व्यापक समाज, जन प्रतिनिधियों तथा अन्य समूहों के सामने प्रस्तुत करते हैं। इससे इन संस्थाओं को लेकर समाज कि विभिन्न अंशधारकों की समझ विकसित होती है।
मीडिया के साथ बेहतर संबंध के लिए यह आवश्यक है कि सामाजिक संस्थाएं अपने लक्ष्यों, सपनों और मकसद को स्पष्ट ढंग से सामने रखें। मीडिया के साथ बेहतर रिश्ते होने पर सामाजिक संस्थाओं द्वारा उठाए जाने वाले विषयों को एक बड़ा आधार मिलता है। मीडिया संचारकों के साथ मजबूत रिश्ता तभी बन सकता है जब संस्था खुद को लेकर पूरी पारदर्शिता बरते और हर प्रश्न का सकारात्मक उत्तर दे सके। मीडिया से प्रभावी जुड़ाव के लिए आवश्यक है कि संस्था नियमित रूप से अपने काम की रिपोर्ट तैयार करे, अपनी वेबसाईट पर जमीनी काम की रिपोर्ट, तस्वीरें आदि प्रकाशित करे, उन्हें सोशल मीडिया पर डाले, अपने कामों की फैक्ट शीट तैयार करे और मीडिया के साथ नियमित संवाद करे।